राजीव तनेजा/हप्र
चंडीगढ़, 29 जून
पंजाब की शिवालिक तलहटी व कंडी बेल्ट के लिए संभावित फल एवं फूल, रेशम उत्पादन के लिए मलबरी की किस्मों और नयी तकनीकें लागू करने के उद्देश्य से बाग़वानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा के नेतृत्व में प्रदेश के प्रगतिशील किसानों ने जम्मू-कश्मीर का पांच दिवसीय दौरा किया। कैबिनेट मंत्री व किसानों द्वारा बाग़वानी से संबंधित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स (ज़वूरा, श्रीनगर), शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंस व टेक्नोलॉजी (कश्मीर), सैफरन पार्क (दुस्सू, पुलवामा), सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर टेंम्परेट हार्टिकल्चर, मॉडल हाईडेंसिटी एप्पल ऑर्चर्ड (श्रीनगर), आलू फार्म (गुलमर्ग), इंडस्ट्रीयल ग्रोथ सेंटर (लासीपोरा) व रेशम संबंधी सेंट्रल सेरीकल्चर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट केंद्रीय रेशम बोर्ड (पंपौर) का दौरा करते हुए विविध जानकारी एकत्र की गई।
बाग़वानी विभाग श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) द्वारा पंजाब से संबंधित बाग़वानी फसलों की खेती, नयी तकनीकों के प्रयोग की जानकारी और भविष्य में पंजाब में बाग़वानी के मानक में सुधार के लिए नाशपाती, आड़ू, अलूचे एवं सेब की लो-चिलिंग वाली किस्मों और रेशम संबंधी रीलिंग इकाइयों की स्थापना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई।
बागृवानी मंत्री स. चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने कहा कि मुख्य मंत्री स.भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य के किसानों को पारंपरिक फसल चक्र से निकालकर वर्तमान समय के अनुसार अधिक लाभदायक फल एवं फूल का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
किसानों के प्रतिनिधिमंडल में कृषि विभाग के विशेष सचिव श्री संयम अग्रवाल, बाग़वानी विभाग के डाॅ. दलबीर सिंह डिप्टी डायरेक्टर बाग़वानी, डाॅ. हरप्रीत सिंह सेठी डिप्टी डायरेक्टर बाग़वानी, डाॅ. संदीप ग्रेवाल सहायक डायरेक्टर बाग़वानी (पटियाला), डाॅ. लखबीर सिंह बाग़वानी विकास अधिकारी (होशियारपुर) शामिल थे।