चंडीगढ़, 30 नवंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन (पीफुक्टो) के आह्वान पर पंजाब और चंडीगढ़ के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लगभग 2000 शिक्षकों ने आज चंडीगढ़ में एक रैली की और सीएम पंजाब के आवास की ओर मार्च किया। हालांकि चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें रोक दिया और सैकड़ों पुरुषों और महिलाओं ने गिरफ्तारी दी। पीफुक्टो ने यूजीसी के संशोधित वेतनमान को तत्काल लागू करने और पंजाब सरकार के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों के वेतनमान को यूजीसी से डी-लिंक करने के फैसले को वापस लेने की मांग की है। इन मुद्दों पर पीफुक्टो लंबे समय से विरोध कर रहा है और पहले 45 दिनों के लिए एक क्रमिक भूख हड़ताल पर था, जिसे शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने 19 अक्तूबर को खत्म कराया था। अब छह सप्ताह बाद भी मामला वित्त मंत्री और सीएम के कार्यालयों के बीच लंबित है। जीएनडीयू, पीयू और पंजाबी विश्वविद्यालय के प्रधानाध्यापक संघों ने भी अपना समर्थन दिया और विरोध कार्यक्रम में शामिल हुए। इससे पहले रैली को संबोधित करते हुए पीफुक्टो के महासचिव डॉ. जगवंत सिंह ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार पंजाब में उच्च शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय उच्च शिक्षा प्रणाली से अलग करके नष्ट करने पर तुली हुई है और ऐसे फैसले ले रही है जो सीधे उल्लंघन में हैं। पीफुक्टो के अध्यक्ष डॉ. एचएस किंगरा ने कहा कि हमारी लड़ाई सिर्फ वेतनमान के बारे में नहीं है बल्कि पंजाब में उच्चतर शिक्षा के भविष्य के बारे में है।
सड़कों पर आकर कभी खुश नहीं : मृत्युंजय
पूटा अध्यक्ष डॉ मृत्युंजय कुमार ने कहा कि वे सड़कों पर आकर कभी खुश नहीं, लेकिन पंजाब सरकार ही उन्हें यूजीसी के वेतनमानों में लापरवाही से ऐसा करने के लिए मजबूर कर रही थी, जो कि बहुत पहले बाकी राज्यों में लागू हो गया। पीसीसीटीयू के अध्यक्ष डॉ विनय सोफ्त ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि पंजाब सरकार खुले दिमाग से बातचीत करने में इतनी हिचकिचा रही है और अपनी स्थिति के समर्थन में एक भी वाक्य नहीं बोल पा रही है। पूटा पटियाला के अध्यक्ष डॉ. भूपिंदर एस विर्क ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्र निर्माताओं को अपने वैध बकाया के लिए विरोध करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
किंगरा के साथ कांग भी भूख हड़ताल पर बैठेंगे
जीएनडीयूटीए के अध्यक्ष डॉ. लखविंदर एस कांग ने अध्यक्ष और महासचिव के विचारों का समर्थन किया और घोषणा की कि वे कल से पीएयू परिसर लुधियाना में शुरू होने जा रही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर डॉ किंगरा के साथ शामिल होंगे। जीसीटीए के अध्यक्ष डॉ बीएस टोहरा ने कहा कि यह अच्छा है कि पंजाब सरकार 20 साल बाद राज्य में सहायक प्रोफेसरों के पदों को भर रही है, लेकिन यह अस्वीकार्य है कि नई भर्तियों को डी-लिंक्ड स्केल की पेशकश की जा रही थी। पीसीसीटीयू के महासचिव डॉ. एसएस रंधावा ने कहा कि 1925 पदों पर कार्यरत पंजाब कॉलेज के शिक्षकों को रेगुलर किये जाो के वादा की प्रक्रिया का अभी भी केवल इंतजार ही है। हिमाचल प्रदेश के शिक्षकों ने भी धरने में भाग लिया और एचपीजीसीटीए के सचिव डॉ आर एल शर्मा ने रैली को संबोधित किया।