गुरतेज सिंह प्यासा निस
संगरुर, 13 जून
पंजाबी यूनिवर्सिटी में फर्जी बिल मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी ने पांच अधिकारियों के नाम कोर्ट को भेजे हैं। इन अधिकारियों में एक डिप्टी रजिस्ट्रार, दो अधीक्षक, एक क्लर्क और एक वरिष्ठ सहायक के नाम शामिल हैं। इससे साफ है कि यह अधिकारी भी इस मामले में संलिप्त हैं। यह मामला पूरा दिन विश्वविद्यालय कर्मियों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। बता दें कि फर्जी बिल मामले की जांच के लिए यूनिवर्सिटी ने एक जांच कमेटी का गठन किया था, कमेटी की एक रिपोर्ट अगस्त 2023 में और दूसरी रिपोर्ट अक्तूबर 2023 में वीसी ऑफिस को सौंपी गई थी। इसके बावजूद मामले में यूनिवर्सिटी की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। फर्जी बिल मामले की जांच कर रही कमेटी ने अब तक अपनी जांच में 750 फर्जी बिलों की पहचान की है। जांच में यह भी पता चला है कि 2 करोड़ रुपये का लेन-देन दूसरे खातों में हुआ है। फर्जी बिल का मामला करीब 11 करोड़ रुपये तक पहुंचने की आशंका है। यूजीसी शोधार्थियों को वजीफा और रिसर्च के लिए अनुदान, स्कॉलरशिप, स्टाइपेंड आदि देती थी। इस अनुदान में ये कर्मचारी फर्जी बिल पास करते थे और इन फर्जी बिलों के जरिए यूनिवर्सिटी से करोड़ों रुपये का गबन किया जाता था।