गुरतेज सिंह प्यासा/निस
संगरूर, 1 नवंबर
दिवाली के अगले दिन पंजाब में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। इसके चलते ज्यादातर शहरों में प्रदूषण ऑरेंज अलर्ट पर पहुंच गया है यानी यहां ग्रुप-1 का दर्जा लागू कर दिया गया है। दिवाली की रात पटाखों के बाद एक्यूआई 500 के करीब पहुंच गया। जब एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, तो लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। दिवाली की रात आतिशबाजी के बाद अमृतसर, जालंधर, खन्ना, लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई 400 से 500 के बीच दर्ज किया गया। इतना ही नहीं इन शहरों का औसत एक्यूआई भी 200 से 300 के बीच दर्ज किया गया है। पंजाब के मुख्य शहरों लुधियाना, अमृतसर, जालंधर और पटियाला में एक्यूआई खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया है। पटाखों से निकलने वाली हानिकारक गैसें और धूल के कण हवा की गुणवत्ता को काफी खराब कर देते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, मौजूदा समय में पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे प्रदूषक तत्वों का स्तर सामान्य से कई गुना बढ़ गया है, जिससे सांस, अस्थमा और हृदय रोग जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है।
सरकारी निर्देश के मुताबिक दिवाली के मौके पर पटाखे चलाने का समय रात 8 बजे से 10 बजे तक ही था। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है। लेकिन इसके बावजूद शाम से शुरू हुई आतिशबाजी देर रात तक जारी रही। प्रशासन ने लोगों से कम पटाखों का इस्तेमाल कर पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी दिखाने का आग्रह किया था, लेकिन इसके बावजूद शहरों में पटाखों की आवाज और धुआं फैलता रहा।