चंडीगढ़/पंचकूला, 27 अगस्त (नस)
चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले शुक्रवार को पंजाब, चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों से हजारों किसानों ने किसान महासभा में हिस्सा लिया। सेक्टर-25 में किसानों की रैली का नेतृत्व करने के लिए पहली बार किसान नेता राकेश टिकैत चंडीगढ़ पहुंचे। राकेश टिकैत ने इस मौके पर 5 सितंबर को मुज्जफरनगर में होने वाली देशव्यापी महापंचायत में चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के किसानों को बढ़चढ़ कर हिस्सा लेकर किसान आंदोलन को मजबूत बनाते हुए खुल कर समर्थन देने का आहवान किया।
रैली ग्राउंड में चंडीगढ़ पुलिस द्वारा सुरक्षा के मद्देनजर बेरिकेड लगा कर किसानों को आगे बढ़ने से रोका गया। दोपहर बाद तक 1000 किसान रैली ग्राउंड में पहुंच चुके थे। वहीं, चंडीगढ़ समेत पंजाब से संयुक्त किसान मोर्चा, किसान एकता मंच और अन्य करीब 40 जत्थेबंदियों के साथ किसान नेताओं ने भारत सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों में महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने भाजपा की केन्द्र सरकार पर तीन कृषि कानूनों को वापस लेने बारे नारे लगाए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में चल रहा आंदोलन किसानों की एक बड़ी जीत है। पहले लोग सुखना लेक पर घूमने के लिए जाया करते थे लेकिन अब आंदोलन का हिस्सा बन कर राउंटबाउट पर किसानों के संघर्ष को याद करते हैं।
इससे पहले चंडीगढ़ में मीडिया से रूबरू करते हुए राकेश टिकैत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पिछले 9 महीनों से दिल्ली बार्डर पर संघर्ष कर रहे किसानों की आवाज जाया नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन 3 कृषि कानूनों को रद्द करने का नहीं बल्कि देश को बचाने के लिए है। भारत सरकार ने देश के किसानों की जमीनें कार्पोरेट घरानों को बेचने की शुरूआत कर दी है। उन्होंने बताया कि देश में गोदाम पहले बनना शुरू हुए और तीन काले कानून बाद में लाए गए यानी संसद में पहले ही सेंध लगाई गई थी। भाजपा की केन्द्र सरकार को घेरते हुए टिकैत ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में किसानों ने अपनी लड़ाई को मजबूत करते हुए सरकार के खिलाफ खड़े होकर किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार किसानों के बंद गोदामों को नहीं खोलती है तब तक उनका यह संघर्ष जारी रहेगा।
टिकैत ने कहा कि चंडीगढ़ में आठ महीनों से आंदोलन पर बैठे बुजुर्ग किसान नेता लाभ सिंह की उम्मीद यह बयान करती है कि किसानों का संघर्ष सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। देश के किसानों की एकता और अखंडता के आगे सरकार को अपना फैसला वापस लेना होगा। उन्होंने चंडीगढ़ के किसान नेता कुलदीप सिंह द्वारा किसान मोर्चे को दिए जा रहे समर्थन की सरहाना की।
12 साल के अभिजोत ने कहा-प्रधानमंत्री जी बात क्यों नहीं सुन रहे
किसान आंदोलन में किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने संबोधित किया। इस दौरान पंजाब से आए 12 साल के अभिजोत सिंह ने आक्रमक भाषण देकर किसानों में जोश भरा। अभिजोत सिंह ने कहा कि किसान दिन-रात गर्मी-बारिश में देश हित के लिए बैठे हुए हैं वहीं सरकार देश को बड़े कार्पोरेट घरानों को बेच कर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने में जुटी हुई है। अभिजोत ने कहा प्रधानमंत्री जी बात क्यों नहीं सुन रहे।