संगरूर, 9 नवंबर (निस)
शिरोमणि अकाली दल सुधार आंदोलन के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने सिख पंथ को चेतावनी देते हुए कहा कि सुखबीर सिंह बादल के समर्थकों ने सिख संस्थानों को नष्ट करने की एक और साजिश रची है, जिससे हर सिख को पूरी जिम्मेदारी के साथ लड़ने के लिए आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल को बचाने के लिए सिंहों पर दबाव डाला गया। एक तरफ ये नेता सिंह साहिबानों के साथ गुप्त बैठकें कर दबाव बना रहे हैं, दूसरी तरफ योजनाबद्ध तरीके से अकाल तख्त साहिब के खिलाफ साजिशपूर्ण बयानबाजी की जा रही है। एक व्यक्ति को बचाने के लिए खालसा पंथ की महान संस्था, सम्मान, प्रामाणिकता और सर्वोच्चता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुखबीर सिंह बादल के पक्ष में अकाल तख्त साहिब को चुनौती कभी किसी गैर-अकाली ने नहीं दी। उन्होंने कहा कि बादल परिवार ने अपने निजी स्वार्थों के कारण सिख पंथ को बुरी स्थिति में डाल दिया है। ढींढसा ने कहा कि खालसा पंथ के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अकाल तख्त साहिब से अपेक्षा की जाती है कि वह खालसा, सिख सिद्धांतों और महान सिद्धांतों के अनुसार खालसा का नेतृत्व करेंगे। बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघवीर सिंह ने राष्ट्र के नाम जो संदेश दिया, उसे पूरे सिख जगत ने गंभीरता से सुना और सराहा। इस अवसर पर पूर्व संसदीय सचिव बाबू प्रकाश गर्ग, सुधार लहर के प्रमुख प्रवक्ता जत्थेदार तेजा सिंह कमालपुर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य मलकीत सिंह गहलाल, धर्म प्रचार कमेटी के सदस्य रामपाल सिंह बहनीवाल, सतगुर सिंघमोल, गुरुमीत सिंह जोहल, डाॅ. रूप सिंह शेरो, बिंदरपाल सिंह और अन्य मौजूद थे।