ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 8 मई
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, जिन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अनुशासनात्मक कार्रवाई की तलवार लटक रही है, सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात करेंगे। सिद्धू की यह बैठक उस दिन हो रही है, जिस दिन दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी चिंतन शिविर के लिए एजेंडे को अंतिम रूप देगी।
क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू, जो पुलिस के राजनीतिकरण को लेकर मान की आप सरकार पर हमलावर रहे हैं, ने रविवार को ट्वीट किया, ‘कल शाम 5:15 बजे मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात होगी, जिसमें पंजाब की इकोनॉमी को पुनर्जीवित करने संबंधी मुद्दों पर विचार होगा… पंजाब को फिर से खड़ा करना तभी संभव है जब ईमानदारी से सामूहिक प्रयास…।’
हाल ही में सिद्धू ने नयी दिल्ली में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी, जिन्होंने एक नये संभावित राजनीतिक गठजोड़ की चर्चाओं को बल दिया था। मान के साथ प्रस्तावित बैठक ने भी सिद्धू के सामने राजनीतिक विकल्पों को लेकर चर्चाओं को बल दिया है। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि दोनों नेता पंजाब की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए विचार साझा करेंगे। अपनी सरकार के दौरान विभिन्न माफियाओं पर हमलावर रहे सिद्धू हमेशा से राज्य को फिर से खड़ा करने के लिए ‘पंजाब मॉडल’ के पक्षधर रहे हैं।
यद्यपि इस बैठक को लेकर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह राजा वड़िंग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पता चला है कि यह मामला कांग्रेस नेतृत्व के ध्यान में लाया जा चुका है। अब यह देखना होगा कि पार्टी सिद्धू के खिलाफ क्या कदम उठाती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ शिकायत का मुद्दा लंबा खिंचने के आसार हैं, क्योंकि पार्टी नहीं चाहती कि वह पीड़ित-कार्ड खेलें।
सोनिया तक पहुंच चुकी है शिकायत
पंजाब मामलाें के प्रभारी हरीश चौधरी ने हाल ही में सिद्धू की पार्टी विरोधी गतिविधियाें को लेकर अध्यक्ष सोनिया गांधी से शिकायत की थी। यह शिकायत अनुशासन समिति के पास गयी, लेकिन उसकी मीटिंग स्थगित हो गयी। चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष को लिखा था कि उन्हें राजा वड़िंग की तरफ से सिद्धू की गतिविधियों को लेकर एक नोट मिला था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें पार्टी से ऊपर अपने आप को दिखाने की अनुमति नहीं दी जा सकती और अन्याें के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए सिद्धू से जवाब मांगा जाना चाहिये। इससे पहले पार्टी ने वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ को पार्टी विरोधी टिप्पणियों के चलते सभी पदों से हटा दिया था।