चंडीगढ़, 4 फरवरी (हप्र)
पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर संगठित अपराध को खत्म करने के लिए एक बड़े अभियान के दौरान विदेश आधारित गैंगस्टर गोल्डी बराड़ गैंग के तीन सहयोगियों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार कर प्रदेश में अपराध के नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए चंडीगढ़ गोलीकांड की सनसनीखेज गुत्थी सुलझा ली है। यह जानकारी पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने दी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अमृतपाल सिंह उर्फ गुज्जर, निवासी कलोली, बनूड़, कमलप्रीत सिंह, निवासी देवीनगर अबरावां, बनूड़ और प्रेम सिंह निवासी अमराला, डेराबस्सी के रूप में हुई है। गिरफ्तार आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि है और उनके खिलाफ पंजाब में हत्या, जबरन वसूली, डकैती और शस्त्र अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज हैं।
उल्लेखनीय है कि 19 जनवरी को चंडीगढ़ के सेक्टर 5 स्थित एक बिजनेसमैन के घर पर अज्ञात बदमाशों ने फायरिंग की थी। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि एडीजीपी प्रमोद बान के नेतृत्व में एजीटीएफ पंजाब की सूचना पर कार्रवाई करते हुए एआईजी संदीप गोयल की देखरेख और डीएसपी बिक्रमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व में चंडीगढ़ पुलिस के साथ पुलिस टीमों को पता चला कि आरोपी उत्तरी बिहार से आए थे। प्रदेश और पुलिस की टीमों ने गोरखपुर पुलिस की मदद से उन्हें गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया।
उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच के मुताबिक आरोपी अमृतपाल सिंह और कमलप्रीत सिंह ने सेक्टर-5 चंडीगढ़ के रिहायशी इलाके में स्थित कारोबारी के घर पर गोलियां चलाईं, जबकि तीसरे आरोपी प्रेम सिंह ने उन्हें घटनास्थल से भगा दिया।
डीजीपी ने कहा कि इसके बाद गोल्डी बराड़ के निर्देश पर तीनों आरोपी 27 जनवरी को बिहार भाग गए और बिहार के चितौली गांव में गोल्डी बराड़ द्वारा बताए गए ठिकाने पर जाने से पहले दो दिन तक गुरुद्वारा पटना साहिब में रुके। उन्होंने आगे कहा कि 4 फरवरी की सुबह वे एक नए स्थान पर जाने के लिए ठिकाने से निकल गए।