गुरतेज सिंह प्यासा/निस, संगरूर, 15 अक्तूबर
Virsa Singh Valtoha: अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा को श्री अकाल तख्त के जत्थेदार सिंह सहिवान के खिलाफ बयानबाजी करनी महंगी पड़ी। आज सिंह साहिबान ने अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ को आदेश दिया कि वलटोहा को अकाली दल से निकाला जाए।जत्थेदार ने कहा कि वलटोहा कोई भी पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सके।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शिरोमणि अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा द्वारा जत्थेदार साहिबों पर दबाव बनाते हुए दिए गए बयान के बाद श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किया गया था, जिसके बाद सिंह साहिबों ने शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ को आदेश दिया कि वलटोहा को 10 साल के लिए निष्कासित किया जाए।
बता दें, विरसा सिंह वल्टोहा की श्री अकाल तख्त साहिब पर पेशी हुई , जिसके बाद जत्थेदार साहिबों ने शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ को 24 घंटे के अंदर विरसा सिंह वल्टोहा को 10 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का आदेश दिया। साथ ही कहा गया है कि अगर वल्टोहा ने दोबारा बोलना जारी रखा तो और सख्त कार्रवाई की जाएगी
इस बारे में जानकारी देते हुए जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि पिछले दिनों वह बीमार थे और उस मौके पर वल्टोहा घर पर हालात जानने आए थे, इस मौके पर उन्होंने धमकी दी कि अगर सुखबीर सिंह बादल ने उनके खिलाफ कोई फैसला लिया तो खंडा से खंडा खड़का देंगे।
जत्थेदार ने कहा कि वल्टोहा ने इस घटना को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया जो कि विश्वासघात है। जत्थेदारों ने कहा कि वल्टोहा जत्थेदारों के खिलाफ दिए गए बयानों का कोई सबूत नहीं दे सके, जिससे वल्टोहा द्वारा किए गए सभी दावे झूठे साबित हुए हैं। जत्थेदार ने कहा कि पूरी सुनवाई की वीडियोग्राफी की गई है।