रविंदर शर्मा/निस
बरनाला, 9 जून
जाब के प्रसिद्ध लेखक व कवि पद्मश्री डॉ. सुरजीत पातर को साहित्यिक योगदान के विभिन्न क्रांतिकारी, सार्वजनिक, लोकतांत्रिक संगठनों ने रविवार को यहां याद किया। डॉ. राजिंदर के निर्देशन में करवाए गए कार्यक्रम में पल्स मंच के महासचिव कंवलजीत खन्ना ने कहा कि यदि लुटेरों, उत्पीड़कों और सरकारों की फासीवादी नीतियों के विरुद्ध जनसंघर्षों की अमर कहानी है तो इन संघर्षों को स्वर देने वाली कलमों के पास भी अपना एक समृद्ध इतिहास है। उन्होंने कहा कि सुरजीत पातर की रचनाएं गंभीर अर्थों के साथ लोक शैली में लिखी और गाई गई हैं। इसीलिए सुरजीत पातर को साहित्यिक क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए वर्तमान युग का बुल्ले शाह कहना उचित है। इस मौके पर क्रांतिकारी केंद्र पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष नारायण दत्त, सुखविंदर लखरीवाला, जसपाल चीमा, परमजीत कौर, अमरजीत कौर, संदीप चीमा, बलवंत सिंह लखरीवाला, बलवंत बरनाला, राजपति, सुखपाल ढिल्लवां, हरपाल सुखपुरा, दर्शन बदरा, गुलवंत सिंह, अमृत पाल, मिल्खा सिंह मौजूद थे।