अनिल शर्मा/निस
रोहतक, 17 मार्च
बाबा मस्तनाथ मठ के गद्दीनशीन महंत एवं राजस्थान के तिजारा हलके से भाजपा विधायक महंत बाबा बालकनाथ से रविवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने मुलाकात की। बताया गया है कि कांग्रेस नेताओं व महंत के बीच काफी देर चर्चा हुई है, जिसे राजनीतिक नजरिये से भी देखा जा रहा है। इस वक्त रोहतक सीट पर भाजपा से बाबा बालक नाथ के नाम की भी खूब चर्चा है और कहा जा रहा है कि भाजपा बाबा बालक नाथ को रोहतक सीट पर उतार सकती है। इसी बीच हुड्डा की उनसे मुलाकात ने इसे चर्चा का विषय बना दिया है। बाबा मस्तनाथ मठ में तीन दिवसीय मेला चल रहा है, रविवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, विधायक बीबी बतरा के साथ मठ में मत्था टेकने पहंुचे। कांग्रेस नेताओं व महंत के बीच हुई मुलाकात को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। भाजपा प्रदेश में छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, बाकि चार सीटों पर नामों को लेकर मंथन चल रहा है, जिसमें बाबा बालक नाथ का भी नाम रोहतक सीट से पैनल में शामिल है। रोहतक सीट पूरे प्रदेश में सबसे हॉट मानी जा रही है और इसी के लिए भाजपा मजबूत प्रत्याशी की तलाश में है। 2019 में भी भाजपा से डॉ अरविंद शर्मा ने कांग्रेस से प्रत्याशी दीपेंद्र हुड्डा को मामूली अंतर से हराया था, हालांकि अभी तक न तो कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी की घोषणा हुई है और न ही भाजपा की तरफ से किसी का नाम फाइनल हुआ है। कांग्रेस नेताओं व राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी रोहतक सीट को सबसे महत्वपूर्ण मान रहे हैं। उनका कहना है कि रोहतक से ही दिल्ली व चंडीगढ़ का रास्ता जाता है। अगर रोहतक की लोकसभा सीट कांग्रेस जीतती है तो विधानसभा चुनाव में भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।
महंत श्रेयोनाथ ने रणबीर हुड्डा को दी थी शिकस्त
1967 में किलोई विधानसभा क्षेत्र वजूद में आया था और उस वक्त चुनाव में मस्तनाथ मठ के महंत रहे बाबा श्रयोनाथ और चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा के बीच मुकाबला हुआ था। चुनाव में श्रेयोनाथ ने रणबीर सिंह हुड्डा को शिकस्त दी थी। बाद में इसी सीट पर हुए उपचुनाव मंे रणबीर सिंह हुड्डा ने श्रेयोनाथ को हराकर अपनी हार का बदला लिया था। 1972 में रणबीर सिंह की जगह उनके बेटे कैप्टन प्रताप सिंह ने चुनाव लड़ा था, लेकिन महंत श्रेयोनाथ ने उन्हें हरा दिया था। बाबा मस्तनाथ मठ का पुराना राजनीतिक इतिहास है और मठ के महंत रहे बाबा चांदनाथ योगी भी अलवर से सांसद रहे और उनके निधन के बाद बाबा बालक नाथ ने भी अलवर से सांसद का चुनाव जीता था, वे इस वक्त तिजारा सीट से विधायक है।