रोहतक, 10 अप्रैल (हप्र/निस)
जयहिंद सेना प्रमुख नवीन और 104 वर्षीय दादा दुलीचंद बुधवार को रथ पर सवार होकर कोर्ट पहुंचे। अनोखे तरीके से कोर्ट में पहुंचने का कारण था एक एप द्वारा चुराया गया कंटेंट, जिसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवीन जयहिंद ने कहा कि 104 वर्षीय दादा दुलीचंद ने करीब दो साल पहले थारा फूफा जिंदा है कि मुहिम चलाई थी और प्रदेश के लाखों बुजुर्गों, दिव्यांग और विधवाओं की पेंशन बनवाई। सरकारी कागजों में सरकार ने इन्हें मरा हुआ दिखाया था और इसी को लेकर तब इन्होंने संघर्ष किया था और यह अभियान चलाया। लाखों फैमिली आईडी में हुई गड़बड़ ठीक करवाई गई थी। यह अभियान न सिर्फ प्रदेश में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियों का विषय बन गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह से कोर्ट में आने का एक ही कारण है कि लोगों को याद दिलाया जाए कि असली फूफा दादा दुलीचंद है। एक निजी एप उनके कंटेंट को कमर्शियल तरीके से यूज कर पैसे कमाने में लगी है। उन्होंने एप को 24 घंटे का समय दिया था, लेकिन दिन बाद भी उनकी तरफ से कोई जवाब न आने पर दादा दुलीचंद ने कोर्ट केस करने का फैसला लिया। कोर्ट में बुधवार को कंटेंट चोरी को लेकर पिटीशन भी दायर की गई है। जयहिंद ने कहा कि उन्हें न तो कोई पैसे चाहिए एप वालों से और न ही कोई फूल माला का सम्मान। उन्हें इस फिल्म से जितनी कमाई हो वो वृद्धाश्रम और गौशाला में दान करें। इस मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता गौरव भारती, मदन लाल, दीपक सिसोदिया, मनीष व सिद्धार्थ बजाज ने बताया कि सिविल जज आदित्य यादव ने इस पूरे मामले की सुनवाई की और 12 अप्रैल को ऐप सहित पांच लोगों को हाजिर होने के लिए समन भी भेजा।