रोहतक, 3 नवंबर (हप्र)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान सभा हरियाणा पराली प्रबंधन के इंतजाम करने, डीएपी की आपूर्ति बढ़ाने, फसल उठान और खरीद से संबंधित किसानों की समस्याओं के समाधान आदि की मांग को लेकर 5 नवंबर को कुरुक्षेत्र में होने वाली किसान महापंचायत में हिस्सेदारी करेगी। 26 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय आह्वान पर हरियाणा के सभी जिलों में चेतावनी दिवस मनाते हुए बड़ी सभाएं आयोजित की जाएंगी।
किसान सभा हरियाणा के राज्य महासचिव सुमित सिंह ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार पराली प्रबंधन की व्यवस्था करने की बजाय प्रदूषण का सारा दोष किसानों के ऊपर डाल रही है। सरकार को प्रदूषण की याद केवल इन्हीं दिनों में आती है, जबकि इसके इंतजाम करने के लिए सरकार को पहले ही कदम उठाने चाहिए। संगठन ने सरकार से पराली प्रबंधन के लिए 3,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को देने की मांग की ताकि किसान पराली निकालने का खर्च वहन कर सकें या सरकार स्वयं किसान के खेत को खाली करवाने के लिए कदम उठाएं। इसके लिए पुख्ता प्रबंध करने की बजाय पराली के नाम पर किसानों पर केस दर्ज करने और फसल खरीद पर रोक लगाने के निर्णय का कड़ा विरोध किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा लगातार तीन बजट से उर्वरक की सब्सिडियों में कटौती के चलते ही आज डीएपी की कमी बनी हुई है, इसी वजह से किसानों को लाइनें लगा खाद खरीदना पड़ रहा है। किसानों को खाद लेने के लिए मजबूरीवश आंदोलन करने पड़ते हैं। इस साल किसान धान की फसल पर भी कम रेट के चलते घाटा उठाने को मजबूर हैं। इन सभी मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से जवाब लेने के लिए मुख्यमंत्री आवास कुरुक्षेत्र पर 5 नवंबर को किसान पंचायत की जाएगी। जिसमें किसान सभा हरियाणा हिस्सेदारी करेगी।