रोहतक, 9 फरवरी (निस)
खेल के दौरान खिलाड़ी को लगने वाली किसी भी तरह की हड्डी, लिगामेंट की चोट उसके करिअर में अड़चन नहीं ला पाएगी, क्योंकि आर्थाेपेडिक्स एवं स्पोर्ट्स मेडिसिन में आई तकनीकी क्रांति से अब किसी भी तरह की चोटिल हड्डी को शत-प्रतिशत ठीक किया जा सकता है। ऐसा तभी संभव है, जब पीड़ित व्यक्ति को ऐसे अस्पताल में पहुंचाया जाए, जहां माहिर डाक्टरों के साथ-साथ उत्तम तकनीक उपलब्ध हो। यह बात शुक्रवार को फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली के ओर्थाेपेडिक्स विभाग के सीनियर कंस्लटेंट डा. मनित अरोड़ा ने पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने घुटने की आर्थ्राेस्कोपी और एसीएल सर्जरी के बारे में बताया कि खिलाड़ियों की दोनों सर्जरी करने के लिए कौशल और सटीकता की आवश्यकता होती है। एसीएल चोटों के इलाज के लिए कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं।