रोहतक, 17 नवंबर (हप्र)
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा इंडियन कॉलेज ऑफ एनेस्थीसियोलोजिस्ट के सौजन्य से मास्टरिंग कम्युनिकेशंस स्किल्स एंड इफेक्टिव डॉक्यूमेंटेशंस विषय पर वर्कशॉप आयोजित की गई। इस एक दिवसीय वर्कशॉप का शुभारंभ डीन डॉक्टर कुलदीप सिंह लालर ने दीप जलाकर किया। डॉ. कुलदीप सिंह लालर ने बताया कि कार्यक्रम के चेयरपर्सन डॉ. सुरेश सिंगल व ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. सुशीला तक्षक बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने इतने अच्छे विषय का चयन किया है। उन्होंने कहा कि आए दिन अस्पतालों में झगड़े की समस्या आ रही है, जिसे हम अच्छे संवाद के साथ खत्म कर सकते हैं।
डॉक्टर कुलदीप सिंह लालर ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि मरीज के परिजन ही सबसे ज्यादा हंगामा करते हैं, ऐसे में मरीज के इलाज के नुकसान व फायदे के बारे में मरीज के साथ-साथ उसके परिजन को भी विस्तार से बताना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की मतभेद रहने की संभावना ही न रहे। उन्होंने कहा कि जब भी किसी मरीज का इलाज शुरू करें तो उसके सभी कागज पहले अवश्य पूरे करवाएं क्योंकि चिकित्सा जगत में डॉक्यूमेंटेशन का महत्व होता है।
एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुरेश सिंघल ने बताया कि चिकित्सकों को मरीजों को उनकी स्थिति और उपचार के बारे में स्पष्ट रूप से समझाने के लिए कम्युनिकेशन स्किल की आवश्यकता होती है। एक अच्छी कम्युनिकेशन स्किल ही मरीजों पर आपका विश्वास बढ़ा सकती है। डॉ. सिंघल ने कहा कि हमें मरीज का विश्वास प्राप्त करके रोगी व उसके परिवारजनों का हर संशय दूर करना चाहिए।