रोहतक, 22 जून (हप्र)
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के संस्कृत, पालि एवं प्राकृत विभाग तथा महर्षि वाल्मीकि शोधपीठ के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘भारतीय ज्ञान परंपरा में वाल्मीकि रामायण ‘ विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शोध-सम्मेलन का शुभारंभ विश्वविद्यालय के स्वराज सदन में हुआ। विश्वविद्यालय के डीन, एकेडमिक अफेयर प्रो. सुरेंद्र कुमार ने सम्मेलन का विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि वाल्मीकि रामायण में वैदिक शिक्षा के समस्त मूल्य समाहित हैं। महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल के प्रो. रमेश भारद्वाज ने अपने व्याख्यान में कहा कि संस्कृत भारत की आत्मा है। वाल्मीकि रामायण भारतीय समाज का आधार है।