रोहतक, 9 नवंबर (हप्र)
नि:शुल्क कानूनी सहायता के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायाधीश निरजा कुलवंत कलसन के मार्गदर्शन में सीजेएम एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव डॉ. तरन्नुम खान के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर एक जागरूकता मार्च का आयोजन किया गया, जिसे सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह मार्च शहर के विभिन्न चौराहों से होते हुए प्राधिकरण के कार्यालय में समाप्त हुआ।
डॉ. तरन्नुम खान ने अपने संदेश में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि नि:शुल्क कानूनी सहायता की जागरूकता बढ़ाने का प्रयास है। यह दिवस 9 नवंबर 1995 को पूरे देश में इस संकल्प के साथ लागू किया गया कि सभी नागरिकों को निष्पक्ष और सुनिश्चित न्याय की सुविधा मिले। सीजेएम डॉ. तरन्नुम खान ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39 ए के अनुसार, समाज के कमजोर वर्गों और गरीबों को नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना सरकार का कर्तव्य है। इसके अंतर्गत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों, स्लम बस्तियों और समाज के कमजोर वर्गों में कानूनी जागरूकता को बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए विधिक सहायता शिविरों, लोक अदालतों और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि लोगों को उनके अधिकारों के प्रति सजग किया जा सके और उनके लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर जिला न्यायालय में पुराने मुकदमों के निपटारे के लिए विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसल राजबीर कश्यप, एलएडीसी संदीप कुमार, आशुतोष शर्मा, सतबीर मेहरा, सुदीप गहलोत आदि मौजूद थे।