रोहतक, 15 जनवरी (हप्र)
जेएनयू नयी दिल्ली के प्रोफेसर सुरिन्द्र सिंह जोधका ने कहा कि शहर की श्रेष्ठता और गांव के पिछड़ेपन के पुराने आधारों को छोड़ने की ज़रूरत है। हमें पश्चिम के मापदंडों पर शहर और गांव के चरित्र में फर्क करने के पैमानों से बाहर आना होगा। उन्होंने इतिहास की सही व्याख्या करने पर जोर देते हुए बताया कि कैसे समय के साथ पलायन होने के बाद भी गांवों की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। प्रो. जोधका बतौर मुख्य वक्ता महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा भारत में बदलते गांवों की तस्वीर विषय पर व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। समाज शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. देसराज सभरवाल ने स्वागत भाषण दिया। इस मौके पर परमिंदर सिंह, सुरेंद्र कुमार, नीलिमा दहिया, जगमति सांगवान, भगत सिंह राठी, सेवा सिंह दहिया, प्रो. राजेश, राजेंद्र चौधरी, रमणीक मोहन, डॉ. सुप्रीति मौजूद रहे।