पुस्तक : मेरे आराध्य शिव लेखक : डॉ. संदीप कुमार शर्मा प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक, नयी दिल्ली पृष्ठ : 215 मूल्य : 250.
सुदर्शन
डॉ. संदीप कुमार शर्मा की पुस्तक ‘मेरे आराध्य शिव’ भगवान शिव की अलौकिक और आध्यात्मिक महिमा पर एक गहन और विचारशील विश्लेषण प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक न केवल शिव के ब्रह्मांडीय स्वरूप को उजागर करती है, बल्कि उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और उनके तत्वज्ञान को भी बारीकी से वर्णित करती है। डॉ. शर्मा ने शिव के त्रिनेत्रधारी और त्रिकालदर्शी रूप की विस्तृत व्याख्या की है, जिसमें उनके नृत्य द्वारा उत्पन्न नाद और शब्दों की महिमा को प्रमुखता से दर्शाया गया है।
पुस्तक में शिव के दिव्य गुणों और शक्तियों का व्यापक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। लेखक ने भगवान शिव की भूमिका को समझाने के लिए समुद्र मंथन की कथा का गहराई से विश्लेषण किया है, जिसमें शिव द्वारा हलाहल को गले में उतारने की घटना को विशेष रूप से वर्णित किया गया है। यह घटना शिव की महानता और उनकी समर्पण भावना को स्पष्ट करती है, जिससे यह सिद्ध होता है कि शिव ने सृष्टि की रक्षा के लिए अपने स्वयं के अस्तित्व को संकट में डाल दिया।
पुस्तक में शिव के विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया गया है जैसे कि बुराई के विनाशक, स्नेह करने वाले, योद्धा, और समग्र नर्तक। शिव को इस प्रकार विभिन्न रूपों में प्रस्तुत करना उनकी व्यापकता और बहुपरकारी स्वभाव को उजागर करता है। लेखक ने शिव की शक्तियों को समझने के लिए गहन अध्ययन और विश्लेषण किया है, जिससे पाठक को उनकी दिव्यता और ब्रह्मांडीय महत्व की गहरी समझ प्राप्त होती है।
‘मेरे आराध्य शिव’ एक ऐसी पुस्तक है जो शिव के तत्वज्ञान को समझने की गहरी यात्रा प्रदान करती है। यह पाठकों को यह संदेश देती है कि शिव तत्व की प्राप्ति से वे किसी भी देवता या शक्ति की सहायता प्राप्त कर सकते हैं। पुस्तक के माध्यम से पाठक शिव की दिव्यता और उनके जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं को जानने के लिए प्रेरित होते हैं, और उन्हें शिव की असाधारण शक्ति और उनके गहन दर्शन को समझने का एक अवसर प्राप्त होता है। इस समीक्षा के माध्यम से, पाठक शिव की महानता को एक नए दृष्टिकोण से देख सकते हैं और उनकी आध्यात्मिक यात्रा में एक नई दिशा प्राप्त कर सकते हैं।