अहिंसा के पथ पे…
बच्चो निडर ही बनना,
तुम हो भविष्य कल के।
शान देश की तुम हो,
जौहर दिखाओ बल के।
तुम गर्व से कभी भी,
ओछी बातें ना कहना।
सबको गले लगा करके,
आपस में मिलकर रहना।
सम्पूर्णता को पाना तुम,
अधजल गगरी तो छलके।
बाधाएं कितनी आयें,
कभी न तुम हिम्मत खोना।
सुख में कभी डूब न जाना,
दुख में कभी भी न रोना।
होगी परीक्षा तेरी,
चलना सदा सम्भल के।
मद लोभ काम कपट के,
घट भरे हुए हैं छल के।
सच्चाई की डगर पे,
बच्चो चलो सम्भल के।
इस देश को सम्भालो,
कर्णधार तुम ही कल के।
मां-बाप और गुरु के,
बनना आज्ञाकारी।
कहे ‘भारती’ सभी से,
बनो बुद्ध से तपधारी।
करुणा दया फैलाओ,
अहिंसा के पथ पे चलके।
भूपसिंह भारती