प्रेमचंद विज
डॉ. संजीव डावर ने कवि के रूप में लगभग आधा दर्जन काव्य-संग्रह हिंदी साहित्य को दिए हैं लेकिन पंजाब के हिंदी कहानी जगत में इनका महत्वपूर्ण स्थान है।
‘छोटी की कहानी’ नाम से उनका प्रथम कहानी संग्रह है, जिसका पूरे साहित्य क्षेत्र में स्वागत किया गया है। इस संग्रह में 44 कहानियां सम्मिलित हैं। इन कहानियों में डॉ. संजीव अपनी लिखने की अद्भुत कला को पेश करते दिखाई देते हैं। प्रत्येक कहानी का विषय पृथक-पृथक होकर भी वह समाज में फैले रिश्तों के नासूर को प्रस्तुत करती है। कहानी संग्रह के बारे में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. धर्मपाल साहिल लिखते हैं, यह कहानियां निम्न मध्यवर्गीय लोगों की मार्मिक झांकियां हैं।
लेखक अपने वक्तव्य में स्वयं स्वीकार करते हैं कि ये कहानियां मेरे भावों की अंजलि ही हैं जिसे पाठक अपने दृष्टिकोण से स्वीकार करें।
इस संग्रह की सर्वाधिक कटाक्ष भरी कहानियों में पेसमेकर, अधिकार, प्रतिस्पर्धा, मुक्ति या मोक्ष, फिक्की फुलिया, चमगादड़ और चरण स्पर्श अत्यंत हृदयस्पर्शी कहानियां हैं। इन कहानियों का मर्म मानवीय संवेदना व सूक्ष्म भावों को तरलता प्रदान करता है। लेखक अपने पात्रों द्वारा समाज की विसंगतियों पर करारी चोट देता है। ऐसी कहानियां सही शब्दों में समाज को नया पथ देती हैं, ताकि समाज स्वच्छ व विशाल मानसिकता सहित एक आदर्श मानव व समाज का निर्माण कर सकें। ऐसी कहानियां ही जीवन उपयोगी कहानियां मानी जाती हैं। हालांकि कुछ कथाओं में कथा-शिल्प कहीं-कहीं भ्रमित-सा दिखाई देता है लेकिन फिर भी कथाकार अपने उद्देश्य और अपनी बात कहने में सफल कहा जाएगा।
पुस्तक : छोटी की कहानी कहानीकार : डॉ. संजीव डावर प्रकाशक : फाइल प्रिंटर्स, लुधियाना, पंजाब पृष्ठ : 128 मूल्य : रु. 295.
जीवन की धूप-छांव का काव्य
सुशील ‘हसरत’ नरेलवी
मानव-मन में बहुत कुछ अनकहा, अनचाहा, कौंधता रहता है और गाहे-बगाहे वह एक अधूरेपन की श्ाक्ल इख्तियार कर मानव-मस्तिष्क की अधखुली खिड़कियों से झांकने लगता है। इसी अधूरेपन के भाव-लोक को कवि बलदेव राज भारतीय ने काव्य-संग्रह ‘अधूरी कविता’ के रूप में पेश किया है, जिसमें इक्यावन कविताओं का समावेश है।
संग्रह की कुछ कविताएं भारत मां के गौरवमय अस्तित्व को समर्पित हैं, जैसे ‘अर्थ’, ‘शहादत’, ‘श्रद्धांजलि’, ‘आज़ादी’, ‘चुनौती’, इत्यादि। गांव, खेत, किसान व हिन्दी भाषा को लेकर भी कवि-हृदय कुछेक कविताओं में विचलित दृष्टिगत होता है तो वहीं नारी मन की पीड़ाओं का दर्पण हैं कुछेक कविताएं, जो नारी उत्थान की गाथा में निहित है। ‘जय हो’ कविता में कवि देश-गौरव के प्रति सजग दिखलाई देता है। रहस्यवाद व अध्यात्म की छुअन की अनुभूति लिए हैं कविताएं ‘पहचान’, ‘मन का पंछी’, ‘तन ‘वासों का बन्धन’ तो ‘कशमकश।
प्रकृति की गोद में शिशु-पल्लव की भान्ति प्रतीत होती है कविताएं ‘शबनम’ व ‘हिमगिरी के आंचल में’। इनसानियत के वजूद को लेकर चिन्तित है कवि ‘प्यार की पैरोकार’ व ‘बताओगे क्या’ कविताओं में। समानता-असमानता ही कशमकश का सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करती है कविता ‘अधिकार’ कवितांश ‘मुझे अच्छी तरह याद है/ अदालत सबूत मांगती है/ और/ अधिकारों के छिनने का/ अक्सर/ कोई सबूत नहीं होता।’
सुन्दरतम् कविताओं में ‘रिमझिम पानी बरसा जाओ’, ‘तू अकेला’ तो मानव-मन की कुटिलता पर प्रहार है कविता ‘बंटवारा’। संस्कार विहिन हृदय पर स्वार्थपरकता का चोला ओढ़े मानव के कृकृत्यों को उजागर करते हैं कुछेक कविताओं में समाहित भाव-जैसे कविता ‘पाप का ‘घड़ा’। प्रेम-फुहारों तो मनुहारों की रिमझिम भी पलकें नम कर जाती हैं कविता ‘तेरे बिन’ में तो राजनीतिक प्रपंचों का खुलासा है। समीक्ष्य काव्य-कृति ‘अधूरी कविता’ की भाव-धरा पर मानव-हृदय की धूप-छांव अठखेलियां करती प्रतीत होती हैं।
पुस्तक : अधूरी कविता कवि : बलदेव राज भारतीय प्रकाशक : अयन प्रकाशन, महरौली, नई दिल्ली पृष्ठ : 108 मूल्य : रु. 220.
मनोरंजन व शिक्षाप्रद कहानियां
घमंडीलाल अग्रवाल
विभिन्न विधाओं की नौ पुस्तकों के रचयिता नफे सिंह कादयान की नवीनतम कृति है ‘बाल किलकारियां’ (बाल कहानी संग्रह)। कृति में 14 बाल कहानियों के अतिरिक्त एक पद्यकथा व दो बाल कविताएं भी हैं। ये बाल मनोविज्ञान के अनुकूल तो हैं ही, मनोरंजक व शिक्षाप्रद भी हैं। हर कहानी कोई न कोई संदेश देती है। इन कहानियों में हास्य का पुट भी दिखाई पड़ता है।
‘बुद्धिमान गधा’ नामक कहानी सच्ची मित्रता पर आधारित है। ‘बिल्ली के गले में घंटी’, ‘मोटी हाथी’ तथा ‘कोयल के अंडे’ कहानियों में बुद्धिमानी से काम लेने पर बल दिया गया है। ‘शैतान बिल्ली’ का सार है कि शैतान का अंत शीघ्र हो जाता है। ‘कपटी कौआ’ किसी का अहित न करने की बात कहती है। ‘सबसे बहादुर’ का कथन है कि अपने से छोटों का भी समुचित आदर करो।
‘चालाक गीदड़’ व ‘कुएं के मेढक’ में बुद्धि की महत्ता को रेखांकित किया गया है। ‘दुष्ट भेड़िया’ का संदेश है कि सूझबूझ से बलवान दुश्मन भी परास्त हो जाता है। ‘गीदड़ की सरदारी’ हमें बताती है कि चाटुकार सदैव अहित करते हैं। ‘भैंस पीठ पर चिड़िया बीट’ कहानी का कहना है कि कोई भी कार्य बिना सोचे-समझे नहीं करना चाहिए। ‘भोलू बंदर’ एक पहलीनुमा मनोरंजन-प्रधान कहानी है। ‘हाथी का परिवार’ कहानी के अनुसार विपत्ति में सहयोग-भावना काम आती है। पद्यकथा ‘नानी कहती एक कहानी’ तथा ‘मुन्ने के साथी’ व ‘मुन्नी खेले’ कविताएं भी ज्ञानवर्धक हैं।
प्रत्येक कहानी सरल, सरस एवं बोधगम्य भाषा में लिखी गयी है। ये कहानियां बच्चों को गुदगुदाएंगी एवं लुभाएंगी।
पुस्तक : बाल किलकारियां लेखक : नफे सिंह कादयान प्रकाशक : स्वयं पृष्ठ : 82 मूल्य : रु. 125.
जीवों की दुनिया के रोचक सच
भारत भूषण
विश्व में हज़ारों की तादाद में ऐसे जीव-जंतु भी हैं, जिनके बारे में हम कम ही जान पाते हैं। ऐसे जीवों के संबंध में एक ऐसी पुस्तक जो कि सहज, सरल भाषा में लिखी हो और जिसे पढ़कर उन जीवों के संबंध में एक-एक बात पता हो जाए अमूल्य ही कही जाएगी।
जीव-जंतुओं का अनोखा संसार ऐसी ही पुस्तक है। योगेश कुमार गोयल की लिखी इस पुस्तक में 127 ऐसे अद्भुत, दुर्लभ, असाधारण जीवों-पक्षियों, हमारे आसपास रहने वाले प्राणियों के संबंध में जानकारी दी गई है, जो कि प्रत्येक आयु वर्ग के पाठक के लिए पठनीय है। जीव-जंतुओं का अनोखा संसार पुस्तक में मादा मच्छर से लेकर शार्क तक की जानकारी है। यह जानना रोचक है कि शार्क जब एक निश्चित आकार तक पहुंच जाती है तो वह स्वयं अपना लिंग परिवर्तन कर सकती है। इसी प्रकार से अमेरिका के पूर्वी किनारे पर अटलांटिक सागर के पानी में पाई जाने वाली कैटफिश ऐसी समुद्री मछली है जो कि अपने अंडे अपने मुंह में रखती है। पत्तों की सिलाई करने वाली चिड़िया बहुतों ने देखी होगी लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि यह चिडि़या पत्तों के अंदर अपनी चोंच से सुराख करके उनमें तिनके फंसा देती है। वहीं बया के घोसले को देखना ऐसी अद्भुत कलाकृति के दर्शन करना है। बया के बारे में पुस्तक बताती है कि घोसला बनाने का कार्य मादा बया नहीं अपितु नर बया के जिम्मे होता है।
पुस्तक में इंडोनेशिया में पाये जाने वाले सूअर जैसे जानवर बबीरूसा, दीमक व चीटियां खाने वाले इछिंदा की जानकारी है। ऊंट के बारे में हम जानते हैं कि वह बगैर खाए-पीए कई हफ्तों तक रह सकते हैं, लेकिन ऐसा वे तब कर पाते हैं, जब वे अपने कूबड़ में वसा के रूप में भोजन जमा कर लेते हैं। ऊंट को जब मौका मिलता है तो वह एक बार में 20 गैलन पानी अपने शरीर में स्टोर कर लेता है। यह पुस्तक एक संग्रहणीय है। पशु-पक्षियों के बारे में पुस्तक अगर रंगीन पन्नों पर आए तो यह और ज्यादा आकर्षक और सहेजने योग्य होगी।
पुस्तक : जीव-जंतुओं का अनोखा संसार लेखक : योगेश कुमार गोयल प्रकाशक : मीडिया केयर नेटवर्क पृष्ठ : 104 मूल्य : रु. 245.