नयी दिल्ली, 22 अक्तूबर (एजेंसी)
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में दस साल बाद अंतर्राष्ट्रीय हॉकी की वापसी होगी और विश्व चैंपियन जर्मनी के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की शृंखला के पहले मैच में बुधवार को ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम ओलंपिक सेमीफाइनल में मिली हार का बदला चुकता करने के इरादे से उतरेगी। दिल्ली में 2013 से अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच नहीं खेला गया है। आखिरी बार 2014 में हीरो विश्व लीग फाइनल यहां हुआ था हालांकि यदा कदा अंतर विभागीय मैच होते रहते हैं। हाल ही में महिला अंतर विभागीय राष्ट्रीय चैंपियनशिप भी खेली गई।
दुनिया की दूसरे नंबर की टीम और पेरिस ओलंपिक रजत पदक विजेता जर्मनी के खिलाफ दोनों मुकाबले इस मैदान पर हॉकी की वापसी को यादगार बनाने का दम रखते हैं।
सूत्रों के अनुसार एक निजी टिकट पोर्टल पर 12000 से अधिक प्रशंसकों ने मुफ्त टिकट के लिये रजिस्ट्रेशन करा लिया है। नेशनल स्टेडियम की क्षमता 16400 दर्शकों की है।
टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय टीम आत्मविश्वास से ओतप्रोत है। पेरिस में हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली भारतीय टीम सेमीफाइनल में करीबी मुकाबले में जर्मनी से 2-3 से हार गई थी।
हरमनप्रीत सिंह ने टेस्ट शृंखला की घोषणा के बाद कहा था,‘यह शृंखला दो टीमों के बीच मुकाबला ही नहीं है बल्कि दिल्ली में हॉकी की वापसी भी है। हमें उम्मीद है कि इससे ज्यादा से ज्यादा युवा हॉकी के प्रति आकर्षित होंगे।’ मौजूदा विश्व चैंपियन जर्मनी को हराना आसान नहीं है जिसने नीदरलैंड के खिलाफ पेरिस ओलंपिक स्वर्ण पदक का मुकाबला शूटआउट तक खींचा था। रैंकिंग में जर्मनी दूसरे और भारत पांचवें स्थान पर है लेकिन आधुनिक हॉकी में शीर्ष पांच टीमें कभी भी एक दूसरे को हराने का माद्दा रखती हैं।
दोनों टीमों के बीच पिछले पांच में से तीन मुकाबले भारत ने जीते हैं। पेरिस ओलंपिक के बाद सितंबर में भारत ने मेजबान चीन को 1-0 से हराकर पांचवीं बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीती।