ब्यूनस आयर्स, 11 जुलाई (एपी)
फाइनल में 4 बार शिकस्त, बड़े टूर्नामेंट में जल्दी बाहर होने की शर्मिंदगी और राष्ट्रीय टीम से संन्यास लेने तक का फैसला करने के बाद अंतत: सुपरस्टार लियोनल मेस्सी को अर्जेन्टीना ने जश्न में आंसू बहाने का मौका दे ही दिया। अर्जेन्टीना ने शनिवार को मराकाना स्टेडियम में फाइनल में मेजबान ब्राजील को 1-0 से हराकर कोपा अमेरिकी फुटबॉल खिताब जीता। इसके साथ ही अर्जेन्टीना ने बड़े टूर्नामेंटों में खिताबी जीत के 28 साल के सूखे को भी समाप्त किया। मेस्सी को 4 गोल करने और 5 गोल में मदद करने के लिए ब्राजील के नेमार के साथ टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। कप्तान ने इस दौरान 151 मुकाबलों के साथ अर्जेन्टीना की ओर से सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का रिकॉर्ड भी बनाया।
उरूग्वे के रैफरी एस्तेबान ओस्तोजिच ने जब मैच समाप्त होने की सीटी बजाई तो मेस्सी मैदान पर ही घुटनों के बल बैठ गए और हाथों से अपने चेहरे को ढक लिया। मेस्सी के सामने अब चुनौती अगले साल कतर में होने वाला विश्व कप जीतना है। टीम अगर ऐसा करने में सफल रहती है तो 1986 में माराडोना की मौजूदगी वाली टीम की खिताबी सफलता को दोहराएगी।
शनिवार तक मेस्सी अर्जेन्टीना की ओर से सिर्फ 2005 में अंडर-20 विश्व कप और 2008 में बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक ही जीत पाए थे। सीनियर टीम के साथ उनकी निराशा का दौर 19 साल की उम्र में शुरू हुआ जब 2006 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में टीम को जर्मनी के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी। एक साल बाद ब्राजील ने फाइनल में अर्जेन्टीना को 3-0 से हराकर कोपा अमेरिका खिताब जीता। विश्वकप 2014 के फाइनल में भी अर्जेन्टीना को जर्मनी के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी। रियो के मराकाना स्टेडियम में मेस्सी अपनी टीम की 0-1 की हार से बेहद निराश थे। उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया लेकिन वह उतने प्रभावी नहीं थे जितना वह अपने क्लब के लिए रहे हैं। इसके बाद चिली ने 2015 और 2016 में लगातार दो कोपा अमेरिका फाइनल में मेस्सी की खिताब जीतने की उम्मीदों को तोड़ा। मेस्सी की टीम को दोनों बार पेनल्टी शूट आउट में शिकस्त का सामना करना पड़ा। शनिवार को मेस्सी ने 34 साल की उम्र में कोपा अमेरिका ट्रॉफी को चूमा। उनके शानदार करियर का सबसे बड़ा इंतजार अब खत्म हो गया है।