टोक्यो, 26 जुलाई (एजेंसी)भारत के सुमित नागल पुरुष एकल के दूसरे दौर में सोमवार को यहां रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) के दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव के खिलाफ सीधे सेटों में शिकस्त के साथ टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गए जिससे टेनिस में भारतीय चुनौती लगभग समाप्त हो गई। दुनिया के 160वें नंबर के खिलाड़ी नागल को दूसरे वरीय मेदवेदेव के खिलाफ एक घंटा और छह मिनट चले मुकाबले में 2-6, 1-6 से हार का सामना करना पड़ा। मेदवेदेव एरियाके टेनिस केंद्र पर अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखा पाए लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी दमदार सर्विस और स्ट्रोक की बदौलत पहले सेट में दो जबकि दूसरे सेट में तीन बार नागल की सर्विस तोड़ी। विश्व स्तरीय खिलाड़ी मेदवेदेव और एटीपी टूर की प्रतियोगिताओं में नियमित रूप से खेलने के लिए जूझ रहे नागल के बीच का अंतर स्पष्ट नजर आ रहा था। नागल ने कड़ा प्रयास किया लेकिन आस्ट्रेलियाई ओपन के उप विजेता को जीत दर्ज करने में कोई परेशानी नहीं हुई। भारतीय खिलाड़ी कुछ विनर लगाने में सफल रहा लेकिन वह काफी कम अंक जुटा पाया। नागल ने 2019 अमेरिकी ओपन के दौरान ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में पदार्पण करते हुए स्विट्जरलैंड के महान खिलाड़ी रोजर फेडरर के खिलाफ एक सेट जीतकर सुर्खियां बटोरी थी।
नागल पहले दौर में उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन को 6-4, 6-7, 6-4 से हराकर ओलंपिक में 25 साल में पुरूष एकल स्पर्धा में जीत दर्ज करने वाले तीसरे भारतीय टेनिस खिलाड़ी बने थे। जीशान अली ने सियोल ओलंपिक 1988 की टेनिस पुरूष एकल स्पर्धा में पराग्वे के विक्टो काबालेरो को हराया था । उसके बाद लिएंडर पेस ने ब्राजील के फर्नाडो मेलिजेनी को हराकर अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक जीता था। भारत के मिश्रित युगल में टीम उतारने की संभावना बेहद कम है। इसके लिए प्रविष्टियों की घोषणा मंगलवार को होगी। इसके लिए कट 50 के आसपास रहने की उम्मीद है जबकि भारतीय खिलाड़ियों नागल (144) और सानिया (9) की संयुक्त रैंकिंग 153 है। रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की 113 की खराब संयुक्त रैंकिंग के कारण भारत पुरुष युगल में टीम नहीं उतार पाया था।