नयी दिल्ली, 9 जून (एजेंसी)
भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच तेज करते हुए दिल्ली पुलिस शुक्रवार को एक महिला पहलवान को उनके कार्यालय ले गई, जिससे उन घटनाक्रमों का नाटकीय रूपांतरण किया जा सके, जिसके तहत यौन उत्पीड़न की घटना हुई थी। बृजभूषण के आधिकारिक आवास में ही डब्ल्यूएफआई का कार्यालय भी है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि एक महिला पुलिसकर्मी के साथ पहलवान को करीब डेढ़ बजे डब्ल्यूएफआई कार्यालय ले जाया गया। उन्होंने कहा,’वे करीब आधा घंटे तक वहां रुकी। उन्होंने उससे घटनाक्रम को दोहराने और उन स्थानों को याद करने के लिये कहा जहां उत्पीड़न हुआ था।’
पहलवान जांच के लिए गयी थी, समझौता नहीं किया
पुलिस के जाते ही प्रदर्शन की अगुवाई कर रही पहलवान विनेश फोगाट ने ट्वीट करके उन मीडिया रपटों पर निराशा जताई, जिनमें दावा किया गया था कि पहलवान समझौते के लिये डब्ल्यूएफआई कार्यालय पहुंचे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह बृजभूषण की ताकत है। वह अपने बाहुबल, राजनीतिक ताकत और झूठे नरैटिव चलवाकर महिला पहलवानों को परेशान करने में लगा हुआ है, इसलिये उसकी गिरफ्तारी जरूरी है। पुलिस हमें तोड़ने की बजाय उसको गिरफ्तार कर ले तो इंसाफ की उम्मीद है, वरना नहीं ।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘महिला पहलवान पुलिस जांच के लिये अपराध स्थल पर गई थी, लेकिन मीडिया में चलाया गया कि वह समझौता करने गई हैं।’ बजरंग पूनिया ने भी यही ट्वीट किया है।
‘पहलवानों पर नफरती भाषण का कोई केस नहीं बनता’
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को यहां की एक अदालत से कहा कि जंतर-मंतर पर धरना देने वाले पहलवानों के खिलाफ नफरती भाषण का कोई मामला नहीं बनता। पुलिस ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका के समक्ष दायर कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) में यह बात कही। जस्टिस अनामिका बृजभूषण पर ‘झूठे आरोप’ लगाने के लिए प्रदर्शनकारी पहलवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। पुलिस ने कहा, ‘प्रदर्शनकारी पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और अन्य वीडियो क्लिप में कोई ऐसा नारा लगाते नहीं नजर आ रहे हैं, जिससे उन पर नफरती भाषण का केस बने। अब मामले की सुनवाई 7 जुलाई को है।