चंडीगढ़, 19 जून (ट्रिन्यू)
मोरनी हिल्स के किसानों को लहसुन और जीरा उत्पादन बढ़ाने की ओर आकर्षित किया जाएगा। इसके लिए पहाड़ी एरिया में सूक्ष्म सिंचाई परियोजना लागू करने का निर्णय लिया है। सरकार ने 1280 एकड़ क्षेत्र को सिंचित करने के लिए 20 करोड़ रुपये के विशेष प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इससे हजारों किसानों को लाभ होगा। सोमवार को यहां सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस परियोजना पर मुहर लगी।
बैठक में लगभग 87 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद व कॉन्ट्रेक्ट को मंजूरी दी गई। बैठक में सिंचाई, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और मिकाडा के कुल 4 एजेंडा रखे गए थे। सभी एजेंडे को मंजूरी दी गई। विभिन्न कंपनियों से नेगोशिएशन के बाद दरें तय करके लगभग एक करोड़ 41 लाख रुपये की बचत भी सरकार ने की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरनी खंड में टपरिया, कंडियावाला, कैंबवाला, खैरवाली परवाला और लश्करीवाला गांवों के लिए सौर ऊर्जा संचालित एकीकृत सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के क्रियान्वयन से न केवल सिंचाई की सुविधा मिलेगी।
बैठक में बताया गया कि एकीकृत सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत इंफिल्ट्रेशन गैलरी बनाई जाएगी, जिससे साफ पानी भेजा जाएगा। पाइपलाइन तथा कुहल के माध्यम से पानी को स्टोरेज टैंक तक पहुंचाया जाएगा। जहां सूक्ष्म सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन प्रणाली स्थापित की जाएगी। बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल और आपूर्ति एवं निपटान विभाग के महानिदेशक मोहम्मद शाइन मौजूद रहे।
इंदौरी नदी का होगा पुनरुद्धार
बैठक में गुरुग्राम जिला में गांव बास पदमका से सिवारी तक इंदौरी नदी का पुर्नउद्धार की परियोजना को भी मंजूरी दी गई। इस पर लगभग 20 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत आएगी। सिंचाई विभाग की लगभग 10 करोड़ रुपये से अधिक की एक ओर परियोजना को मंजूरी दी गई। इसके तहत, लाखन माजरा लिंक ड्रेन पर वीआर पुलों का पुन: निर्माण किया जाएगा। बैठक में आदमपुर में 2 इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन बनाने के साथ ही सीवरेज नेटवर्क सिस्टम स्थापित करने के प्रोजेक्ट को भी मंजूरी प्रदान की गई। इस पर लगभग साढ़े 34 करोड़ रुपये की लागत आएगी।