नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा)
Hathras stampede: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाथरस में मची भगदड़ के पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने का आग्रह किया है और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की है।
आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए और घायलों को उचित उपचार मुहैया कराया जाना चाहिए।
हाथरस में मंगलवार को प्रवर्चनकर्ता ‘भोले बाबा’ के सत्संग में मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। गांधी ने शुक्रवार सुबह पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा।
गांधी ने छह जुलाई को आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित मुआवजा अपर्याप्त है। मैं आग्रह करता हूं कि मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए और इसे जल्द से जल्द दिया जाए।” कांग्रेस नेता ने कहा कि घायलों को उचित उपचार और उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हाथरस में भगदड़ की घटना में 120 से अधिक लोगों की मौत की खबर से मैं स्तब्ध हूं। मैं हृदय में पीड़ा के साथ आपको यह पत्र लिख रहा हूं और मुझे पता है कि आप भी उस पीड़ा को महसूस कर रहे होंगे।”
गांधी ने कहा कि उन्होंने अलीगढ़ और हाथरस जिलों के कई पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका दर्द बांटने की कोशिश की। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘हादसा इतना दुखद है कि परिजन से मिलते समय मेरे पास सांत्वना के लिए शब्द कम पड़ गए। अनेक परिवारों ने इस दुर्घटना में अपना जो कुछ भी खोया है, उसकी पूर्ति तो किसी तरह संभव नहीं है लेकिन हम पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करके उनकी पीड़ा को कम करने का प्रयास अवश्य कर सकते हैं।”
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पीड़ित परिवारों ने मुझसे यह भी साझा किया कि इस पूरी घटना के लिए स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और असंवेदनशीलता जिम्मेदार है। इस मामले में उचित और पारदर्शी जांच न केवल भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की दिशा में एक कदम होगी, बल्कि इससे इन पीड़ित परिवारों का न्याय व्यवस्था में विश्वास भी पुन: स्थापित होगा।”
उन्होंने कहा कि न्याय के नजरिए से भी दोषियों को ‘‘कठोर सजा” दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘‘दुख की इस घड़ी में हम सभी का दायित्व है कि हम पीड़ित परिवारों का साथ दें। कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ता और स्वयं मैं इस मामले में आपकी हरसंभव मदद के लिए उपलब्ध हैं। आशा है कि इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए आप सहायता के संदर्भ में किए जाने वाले कार्यों को विशेष प्राथमिकता देंगे।”
न्यायिक आयोग ने हाथरस में स्थानीय लोगों, प्रत्यक्षदर्शियों से की मुलाकात
उत्तर प्रदेश सरकार के न्यायिक आयोग के दल ने हाथरस में दो जुलाई को मची भगदड़ की घटना के प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों के अलावा अधिकारियों से रविवार को बातचीत की। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गयी थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय दल में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी हेमंत राव और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी भावेश कुमार भी शामिल हैं। यह दल शनिवार को हाथरस पहुंचा और राष्ट्रीय राजमार्ग 91 पर फुलराई गांव के समीप भगदड़ स्थल का निरीक्षण किया।
रविवार सुबह न्यायिक आयोग के दल ने जिले में अलीगढ़ रोड पर पीडब्ल्यूडी अतिथि गृह में लोगों से पूछताछ शुरू की। श्रीवास्तव ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद शनिवार को पत्रकारों से कहा था, ‘‘हमें दो महीने के भीतर हमारी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।”
हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार और पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल भी दल के साथ थे। भगदड़ की घटना के संबंध में अबतक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हाथरस पुलिस ने शनिवार को कहा था कि वह एक राजनीतिक दल द्वारा सत्संग का कथित वित्त पोषण किये जाने की भी जांच कर रही है और उसने इसके खिलाफ ‘‘सख्त कार्रवाई” की चेतावनी दी।
अधिकारियों के अनुसार, मधुकर स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के दो जुलाई को हुए ‘सत्संग’ का मुख्य आयोजक था तथा उसने इसके लिए चंदा एकत्र किया था। इस सत्संग में 2.50 लाख से अधिक लोग जुटे थे जबकि केवल 80,000 लोगों के एकत्र होने की अनुमति दी गयी थी। दो जुलाई को हुई इस घटना के संबंध में स्थानीय सिकंदराराऊ पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में स्वयंभू बाबा का नाम दर्ज नहीं है।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित एक विशेष जांच दल (एसआईटी) भी इस घटना की जांच कर रहा है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेष्ठ एसआईटी का नेतृत्व कर रहे हैं।
कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि उन्होंने भगदड़ में साजिश के पहलू को खारिज नहीं किया है और कहा कि अब तक एकत्र किए गए साक्ष्य सत्संग आयोजकों के दोषी होने का संकेत देते हैं।