ज्ञान ठाकुर/निस
शिमला, 10 जुलाई
हिमाचल प्रदेश में पिछले 48 घंटों से जारी आसमानी आफत की लगातार तबाही जारी है। राज्य में हो रही भारी से अति भारी वर्षा के कारण पूरे राज्य में जनजीवन अस्त व्यस्त है और अधिकांश इलाके अंधेरे में डूबे हुए हैं। यही नहीं प्रदेश की राजधानी शिमला सहित अनेक शहर आसमान से बरस रही आफत के बावजूद लोगों को जबरदस्त पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि सभी पेयजल योजनाएं बिजली गुल होने नदी नालों में बाढ़ और सिल्ट के कारण ठप्प हो गई है। राज्य में दो दिनों में बाढ़ और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में अभी तक 18 लोगों की जान चली गई है जबकि 69 अन्य घायल हैं। राज्य में हो रही भारी से अति भारी वर्षा के चलते सभी शिक्षण संस्थान और अदालतें आज बन्द हैं। शिक्षण संस्थान कल भी बन्द रहेंगे।
लगातार भारी बारिश से प्रदेश में करोड़ों रूपये की सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान हो चुका है। 3 राष्ट्रीय उच्च मार्गों सहित 828 सड़कें भूस्खलन के चलते यातायात के लिए अवरूद्ध हो गई हैं। इसके अलावा बिजली के 4686 ट्रांसफार्मर और 785 पेयजल योजनाएं भी ठप्प हैं। लाहौल स्पीति की चंद्र ताल झील इलाके में लगभग 200 पर्यटक बाढ़ और भूस्खलन के कारण बन्द हो जाने के कारण फंस वाये हैं। के सभी सुरक्षित हैं और लाहौल स्पीति के एसपी मयंक चौधरी ने आज मौके पर पहुंच कर फंसे पर्यटकों की उनके परिजनों से सेटेलाइट फोन से बात करवाई। राज्य में अधिकतर नदी-नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं।
मंडी जि़ला में भारी बारिश ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। जि़ले में 126 मेगावाट की लारजी जल विद्युत परियोजना के पावर हाऊस में पानी घुसने से करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ है और ब्यास नदी पर बना औट पुल पानी में बह गया है। इसके अलावा दवाड़ाफुट ब्रिज भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया है। जि़ले के अधिकतर स्थानों पर बिजली गुल है। थुनाग में फ्लैश फ्लड के कारण भारी नुकसान हुआ है। यहां पर दुकानों व घरों में पानी और मलबा घुस गया है। मंडी ज़िला में राष्ट्रीय उच्च मार्ग सहित अधिकतर छोटे-बड़े मार्ग यातायात के लिए अवरुद्ध हैं।
मंडी के नगवांई में ब्यास नदी में फंसे 6 लोगों का एन.डी.आर.एफ. की टीम ने कमांडेंट बलजिंद्र सिंह के नेतृत्व में बीती आधी रात को सफल रेस्क्यू किया। कुल्लू जि़ले में भी माॅनसून की वर्षा का तांडव जारी है। ब्यास नदी का पानी सड़कों पर आने के चलते चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे जगह-जगह यातायात के लिए अवरुद्ध है। मणिकर्ण घाटी के पुलगा नाला में बादल फटने की घटना से आई बाढ़ के चलते करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि इस घटना में जानमाल के नुकसान का समाचार नहीं है।
कुल्लू में 120 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध
कुल्लू जिले में लगभग 120 सड़कें यातायात के लिए अवरूद्ध है और राष्ट्रीय उच्च मार्ग-21 कुल्लू-मनाली और बजौरा के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण बाधित है। हाईवे का बड़ा हिस्सा ब्यास नदी में बहने से सभी तरह के वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। सेऊबाग पुल व भुंतर का पुराना पुल भी ब्यास नदी की बाढ़ में बह गया है। इसके अलावा बिजली आपूर्ति भी बार-बार बाधित हो रही है। जल शक्ति विभाग की दर्जनों योजनाएं मूसलाधार बारिश से प्रभावित हुई हैं। कुल्लू के छुरड़ू में फंसे 9 लोगों को रैस्क्यू कर लिया गया है। जि़ला उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि अधिकतर बचाव दल स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भारी बारिश के चलते आलू ग्राउंड मनाली में 30 लोग फंस गए है। हालांकि ये लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को आज एयर लिफ्ट कर सुरक्षित निकाला जाएगा। इसके अलावा कसौल में फंसे 25 लोगों को भी रैस्क्यू कर लिया गया है। आशुतोष गर्ग ने बताया कि बारिश के रैड अलर्ट को देखते हुए श्रीखंड यात्रा को रोकने के आदेश पहले ही जारी कर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि 7 व 8 जुलाई को यात्रा पर रवाना हुए श्रद्धालुओं को पार्वती बाग व भीम दवारी में रोका गया है। उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालुओं के लिए भोजन व ठहरने के उचित प्रबंध किए गए हैं। सिरमौर जि़ले में भारी वर्षा से सड़कें अवरूद्ध होने के चलते पथ परिवहन निगम के दर्जनों रूट ठप्प हो गए हैं और पांवटा साहिब के साथ बहती यमुना नदी और मारकंडा नदी सहित अन्य छोटे नदी-नाले उफान पर हैं।
सोलन ज़िले में अब तक भारी वर्षा से 50 करोड़ रूपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। ज़िले में 70 से अधिक सड़कें यातायात के लिए अवरूद्ध हैं। बिलासपुर जि़ले में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जि़ले में 18 से अधिक सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग चंडीगढ़-मनाली भी बीच-बीच में यातायात के लिए बंद हो रहा है। इसके अलाव कीरतपुर-नेरचैक सड़क मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण यातायात बाधित है। किन्नौर जि़ले में भी वर्षा का क्रम जारी है। लाहौल-स्पिति जि़ले के सिसू में नर्सरी पुल चंद्रा नदी की बाढ़ में बह गया है।
सतलुज नदी उफान पर
लगातार हो रही बारिश के कारण सतलुज नदी उफान पर है। रामपुर क्षेत्र में नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते इसके किनारे पर बने कई घरों को खतरा बना हुआ है। बीती रात भी लोगों ने डर के साए में रात जागकर काटी। इधर राजधानी शिमला में भी भारी वर्षा से भूस्खलन व पेड़ गिरने की घटनाएं लगातार जारी है। शहर में भूस्खलन से यातायात बाधित हो रहा है। शिमला-कालका हैरिटेज रेल मार्ग पर ल्हासे गिरने से आज भी रेल यातायात बाधित है। शिमला कालका सड़क भी शोघी के निकट सोनू बंगला नामक स्थान पर भूस्खलन के कारण बन्द हो गई है। प्रदेश के अन्य जि़लों में भी लगातार बारिश कहर बरपा रही है। इस बीच मौसम विभाग ने राज्य के 11 जिलों में आज भारी वर्षा का यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है।
हिमाचल सरकार ने जारी किए तीन हेल्पलाइन नंबर
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि भारी वर्षा और मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए सरकार हर स्थिति पर नज़र बनाए हुए है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे ज्यादा जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकले। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि लोग मुसीबत के समय हेल्पलाइन नंबर 1100, 1070 और 1077 पर संपर्क कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने भारी वर्षा के कारण हुई दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी।
भाजपा कार्यालय बना शरण स्थली
भाजपा ने ऊना स्थित पार्टी कार्यालय को बाढ़ प्रभावितों की शरण स्थली बनाया है। भाजपा कार्यालय के समीप पुराना होशियारपुर रोड पर बनी झुग्गियों में करीब 4 फुट बाढ़ का पानी आने के बाद सैंकड़ों प्रवासी मजदूरों को यहां ठहराया गया है। ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने इन बाढ़ प्रभावितों को भाजपा कार्यालय में ठहराया। इनमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। इन मजदूरों को आश्रय देने के साथ-साथ इनके खाने-पीने की व्यवस्था के भी सतपाल सत्ती ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं।