दुबई, आठ सितंबर (एपी)
US MQ-9 Drone: यमन के हूती विद्रोहियों ने देश की वायु सीमा में उड़ रहे अमेरिका के एक और एमक्यू-9 निगरानी ड्रोन को रविवार तड़के गिराने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई के जवाब में अमेरिका ने हूती नियंत्रित इलाकों में हवाई हमले किए।
वहीं, अमेरिकी सेना ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि वह इस दावे से अवगत है, लेकिन उसे यमन में अमेरिकी सैन्य ड्रोन को गिराए जाने के संबंध में ‘कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।’ हूती विद्रोहियों ने अपने दावे के समर्थन में कोई तस्वीर या वीडियो जारी नहीं किया। लेकिन 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जे के बाद हूती विद्रोहियों ने बड़ी संख्या में एमक्यू-9 ड्रोन मार गिराए हैं।
गाजा पट्टी में पिछले साल इजराइल और हमास के बीच युद्ध छिड़ने के बाद हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी ड्रोन पर हमले तेज करने के साथ ही लाल सागर गलियारा में जहाजों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। 7 अक्टूबर 2023 के बाद से वे क्षेत्र में कम से कम 80 हजारों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले कर चुके हैं।
तेल और प्राकृतिक गैस भंडार के लिए जाना जाता मारिब
ती सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सरी ने एक वीडियो में अमेरिकी ड्रोन को गिराने का दावा किया। उन्होंने कहा कि हूती लड़ाकों ने यमन के मारिब प्रांत में उड़ रहे ड्रोन को गिराया। मारिब को उसके तेल और प्राकृतिक गैस भंडार के लिए जाना जाता है। इस प्रांत पर सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन बलों का नियंत्रण है, जो 2015 से विद्रोहियों से लड़ाई लड़ रहे हैं।
एक एमक्यू-9 ड्रोन की कीमत लगभग तीन करोड़ डॉलर
सरी ने हमले के संबंध में कोई विवरण नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हूती विद्रोही ‘अत्याचार के शिकार फलस्तीनियों की जीत और यमन की रक्षा के लिए अपने जिहादी कर्तव्यों का पालन करना जारी रखेंगे।’ एक एमक्यू-9 ड्रोन की कीमत लगभग तीन करोड़ डॉलर होती है। यह ड्रोन 50 हजार फुट तक की ऊंचाई पर लगातार 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
यमन में निगरानी के लिए अमेरिका वर्षों से एमक्यू-9 का इस्तेमाल कर रहा
यमन में निगरानी के लिए अमेरिका वर्षों से एमक्यू-9 का इस्तेमाल कर रहा है। अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने के दावे के बाद हूती विद्रोहियों के अल-मसीरा सेटेलाइट समाचार चैनल ने इब शहर के पास बड़े पैमाने पर अमेरिकी हवाई हमले होने की खबर दी। अमेरिकी सेना ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली, लेकिन अमेरिकी बल जनवरी से ही हूती विद्रोहियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई कर रहे हैं।