वायनाड, चार अगस्त (भाषा)
Wayanad landslide: केरल में तीन जिलों के लोगों के लिए जीवन रेखा कही जाने वाली चलियार नदी 30 जुलाई को वायनाड में हुए भूस्खलन के बाद तबाही की खौफनाक प्रतीक बन गई है।
कुल 169 किलोमीटर लंबी यह नदी वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड में बसे लोगों के लिए कई पीढ़ियों से जीवन का आधार रही है, लेकिन अब इसका शांत पानी दुखों का प्रतीक बन गया है, जिसमें भूस्खलन के बाद लापता हुए कई लोगों के शव मिले हैं।
पश्चिमी घाट में दो प्रमुख सहायक नदियों के संगम से बनी यह नदी आपदा में जान गंवाने वाले अधिकतर लोगों के शवों को अपने साथ बहाकर ले गई।
नौसेना, पुलिस, अग्निशमन एवं बचाव दल तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सहित विभिन्न एजेंसी एवं स्थानीय निवासियों के हालिया प्रयासों से शनिवार को नदी से तीन और शव तथा शरीर के 13 अंग बरामद किए गए।
अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही चालियार नदी में मिले शवों की संख्या बढ़कर 73 और शरीर के अंगों की संख्या बढ़कर 132 हो गई। मलप्पुरम जिले के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बरामद किए गए शवों में 37 पुरुष, 29 महिलाएं, तीन लड़के और चार लड़कियां शामिल हैं।”
अधिकारी ने बताया कि 198 शवों और अंगों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है और इनमें से 195 को आगे की प्रक्रिया के लिए वायनाड भेजवाया गया है, जबकि तीन पर रिश्तेदारों ने दावा किया है।
राज्य सरकार ने कहा है कि चलियार नदी के 40 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश अभियान जारी रहेगा। उसने बताया कि विनाशकारी भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 219 हो गई है।