नेहा सैनी/ ट्रिन्यू
अमृतसर, 9 नवंबर
कनाडा ने हजारों अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों को प्रभावित करने वाला कदम उठाते हुए ‘स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम’ (एसडीएस) को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। साल 2018 में लॉन्च किए गये एसडीएस को भारत, चीन, पाकिस्तान सहित 14 देशों के आवेदकों के लिए स्टडी परमिट प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए डिजाइन किया गया था। इसके तहत मंजूरी तेजी से मिलती थी। सभी शर्तें पूरी होने पर एसडीएस वीजा आवेदन को प्रोसेस होने में आमतौर पर तीन से चार सप्ताह लगते थे, जबकि सामान्य प्रक्रिया में आठ से बारह हफ्ते या इससे भी अधिक समय लगता है और सफलता दर तय नहीं होती। आंकड़ों के अनुसार, 2023 में भारतीय एसडीएस आवेदक 73% अप्रूवल रेट तक पहुंचे, जबकि गैर-एसडीएस आवेदकों के लिए यह दर महज 10 फीसदी थी।
कनाडा सरकार ने 2025 के लिए 4,37,000 नये स्डटी परमिट की सीमा निर्धारित की है। यह कदम उच्च शिक्षा के लिए कनाडा जाने की योजना बना रहे भारतीय छात्रों के लिए एक और झटका है।
ट्रूडो ने माना- कनाडा में खालिस्तान के कई समर्थक
ओटावा (एजेंसी) : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने देश में खालिस्तान समर्थकों की मौजूदगी की बात को स्वीकार किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ये खालिस्तानी समर्थक कनाडा में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। ट्रूडो ने यह टिप्पणी ओटावा के ‘पार्लियामेंट हिल’ में दिवाली समारोह के दौरान की। उन्होंने कहा, ‘कनाडा में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, लेकिन वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। इसी तरह कनाडा में प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी की सरकार के समर्थक भी हैं, लेकिन वे सभी हिंदू कनाडाई लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।’ पिछले वर्ष सितबंर में ट्रूडो द्वारा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोप लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से गतिविधियों का संचालन कर रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के जगह दे रहा है।