स्टॉकहोम, 4 अक्तूबर (एजेंसी) इस वर्ष का चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिकों डेविड जूलियस और आर्डम पातापुतियन को दिए जाने की घोषणा की गयी है। उन्हें तापमान और स्पर्श के लिए ‘रिसेप्टर’ की खोज के लिए यह सम्मान दिया गया है। नोबेल समिति के महासचिव थॉमस पर्लमैन ने सोमवार को इन विजेताओं के नामों की घोषणा की। नोबेल समिति के पैट्रिक अर्नफोर्स ने कहा कि जूलियस ने तंत्रिका सेंसर की पहचान करने के लिए मिर्च के घटक कैप्साइसिन का इस्तेमाल किया। तंत्रिका सेंसर से त्वचा पर तापमान की प्रतिक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि पातापुतियन ने कोशिकाओं में अलग दबाव-संवेदनशील सेंसर का पता लगाया। पर्लमैन ने कहा, ‘इससे वास्तव में प्रकृति के रहस्यों में से एक का खुलासा होता है… यह वास्तव में ऐसा कुछ है जो हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए यह एक बहुत ही अहम और गहन खोज है।’ पिछले साल का पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को दिया गया था, जिन्होंने लीवर को खराब करने वाले हेपेटाइटिस सी वायरस की खोज की। वह ऐसी कामयाबी थी, जिससे घातक बीमारी के इलाज का रास्ता प्रशस्त हुआ और ब्लड बैंकों के माध्यम से इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए परीक्षण किए गए। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार में एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (करीब 11.4 लाख अमेरिकी डॉलर) दिए जाते हैं। पुरस्कार की राशि स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से दी जाती है। नोबेल का 1895 में निधन हो गया था। नोबेल पुरस्कार चिकित्सा के अलावा भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिए जाते हैं।