दुबई, 5 मार्च (एजेंसी)
वैश्विक धनशोधन रोधी निगरानी संस्था ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को इन चिंताओं को लेकर अपनी ‘ग्रे सूची’ में डाल दिया है कि यह देश अपराधियों और आतंकवादियों को यहां धन छिपाने से रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। वहीं, पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में बरकरार रखा गया है। उसे अपनी वित्तीय प्रणाली में शेष कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा है। पेरिस स्थित ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने शुक्रवार रात यह फैसला किया।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा कि उसे जल्द से जल्द टेरर फंडिंग की जांच के मामलों में संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के आतंकवादियों और कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। वित्तीय अपराधों से लड़ने के मजबूत कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान की सराहना भी की गई है। पाकिस्तान आतंकी फंडिंग व मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के कारण जून 2018 से ही पेरिस स्थित एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना हुआ है। निर्धारित लक्ष्यों को अक्तूबर 2019 तक पूरा करने के लिए उसे एक कार्य योजना दी गई थी। एफएटीएफ के आदेशों का पालन करने में विफल होने के कारण पाकिस्तान तब से उस ‘ग्रे सूची’ में ही बना हुआ है। एफएटीएफ ने एक ओर जहां यूएई की ‘महत्वपूर्ण प्रगति’ की प्रशंसा की है, तो दूसरी ओर यह भी कहा है कि इस संबंध में और कार्य किये जाने की जरूरत है।