हाईकोर्ट ने एक्सईएन को लगाई फटकार, 10 हजार जुर्माना ठोका, वारंट जारी
बैजलपुर में बूस्टिंग स्टेशन निर्माण का मामला
फतेहाबाद, 16 मार्च (हप्र)
हाईकोर्ट के आदेशों का पालन न करने पर हाईकोर्ट ने जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के एक्सईएन को कड़ी फटकार लगाते हुए 10 हजार रुपये जुर्माना किया है। यही नहीं, हाईकोर्ट ने वारंट जारी करते हुए एरिया एसएचओ को आदेश दिए हैं कि वे अगली तारीख तक संबंधित अधिकारी को हाईकोर्ट में पेश करें। हाईकोर्ट ने जिले के गांव बैजलपुर में गलत तरीके से बनाई गई बूस्टिंग स्टेशन की चारदीवारी को ठीक करने के आदेश दिए थे।
बता दें कि मामले को लेकर गांव बैजलपुर निवासी रामनिवास ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इससे पूर्व ग्रामीणों द्वारा इस मामले को लेकर जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत करवाया गया था। मंत्री को लिखे पत्र में बैजलपुर के लोगों ने कहा था कि गांव में 24 फुट की गली है जिसमें रामनिवास सहित काफी लोग इस गली का प्रयोग करते हैं। वहां एक सार्वजनिक चौक भी बना हुआ है। गांव के लोग पिछले 35 सालों से इस गली व चौक का प्रयोग करते आ रहे हैं। अब इस जगह पर विभाग व ग्राम पंचायत द्वारा बूस्टिंग स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है जोकि गलत जगह बनाया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत ने 21 अक्तूबर, 2020 को पास किए गए प्रस्ताव में रामदेव मंदिर के पास खाली पड़ी 18 मरले जगह बूस्टिंग स्टेशन के निर्माण के लिए दे रखी है और इसी जगह पर बूस्टिंग स्टेशन स्वीकृत हुआ है लेकिन गांव की पार्टीबाजी के कारण सरपंच ने विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके बूस्टिंग स्टेशन की जगह को बदल दिया है और अब गली में इसका निर्माण किया जा रहा है। इस जगह बूस्टिंग स्टेशन का निर्माण होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों के घरों के दरवाजे तक बंद कर दिए गए हैं।
ग्रामीणों ने मंत्री से बूस्टिंग स्टेशन को रामदेव मंदिर के पास खाली पड़ी स्वीकृत जगह पर बनाने की मांग की थी। कोई कार्रवाई न होने पर गांव के ही रामनिवास ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने विभाग के एक्सईएन को 6 सप्ताह के अंदर इस पर कार्रवाई करने और गलत तरीके से बनाई गई बूस्टिंग स्टेशन की बाउंड्री वॉल को ठीक करने के आदेश दिए थे लेकिन एक्सईएन ने हाईकोर्ट के आदेशों की कोई परवाह नहीं की। इस पर रामनिवास ने हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया और अधिकारी पर 10 हजार जुर्माना करने के साथ-साथ एसएचओ को अगली तारीख तक अधिकारी को पेश करने को लेकर वारंट भी जारी किए।

